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Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui
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Storybox with Jamshed Qamar Siddiqui

Author: Aaj Tak Radio

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Description

जमशेद क़मर सिद्दीकी के साथ चलिए कहानियों की उन सजीली गलियों में जहां हर नुक्कड़ पर एक नया किरदार है, नए क़िस्से, नए एहसास के साथ. ये कहानियां आपको कभी हसाएंगी, कभी रुलाएंगी और कभी गुदगुदाएंगी भी. चलिए, गुज़रे वक्त की यादों को कहानियों में फिर जीते हैं, नए की तरफ बढ़ते हुए पुराने को समेटते हैं. सुनते हैं ज़िंदगी के चटख रंगों में रंगी, इंसानी रिश्तों के नर्म और नुकीले एहसास की कहानियां, हर इतवार, स्टोरीबॉक्स में.

Jamshed Qamar Siddiqui narrates the stories of human relationships every week that take the listener on the rollercoaster of emotions, love, and laughter. Stories are written by Jamshed and by his fellow writers that talks about the various colors of life conflicts from father-son relationships to love triangle. Stories that let you be someone else for some time to see this world from a different angle.
167 Episodes
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सुपरहीरो वो नहीं जो आसमान में उड़ते हैं, बिल्डिंग्स से लटकते हैं या फिर विलेंस को मारते हैं. सुपरहीरो तो वो होते हैं जो ज़िंदगी की तकलीफ़ों, दूरियों और ग़म के बीच कुछ ऐसा कर जाते हैं कि दुनिया उन्हें याद रखती है. ये कहानी है कारगिल के एक ऐसे ही हीरो की. जमशेद क़मर सिद्दीक़ी इस बार स्टोरीबॉक्स में सुना रहे हैं 'एक सुपरहीरो की सच्ची कहानी'.
एक सर्द शाम को पूरे शहर में सनसनी फैल गई जब पता चला कि एक हमलावर ने सियासी पार्टी के नेता पर जानलेवा हमला किया, लेकिन इंसाफ मिलने के लिए ये क्यों ज़रूरी था कि अस्पताल में भर्ती नेता की मौत रात को बारह बजे ही हो. ऐसी क्या मजबूरी थी? - सुनिए स्टोरीबॉक्स की नई कहानी 'मिडनाइट मर्डर' जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
सर्दियों की रात में जब बूढ़ा-बूढ़ी अपनी झोपड़ी में आग के सामने बैठे हाथ ताप रहे थे, तभी किसी ने दरवाज़ा खटखटाया और बताया कि डॉ साहब के बेटे को सांप ने काट लिया है - सुनिए मुंशी प्रेमचंद की लिखी कहानी 'मंत्र' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
तभी मेले के भोंपू से आवाज़ गूंजी, "तो दोस्तों... अब समय है विजेता लॉटरी नंबर बताने का. आज का विनर है लॉटरी नंबर 1 0 0 5". ये सुनते ही मेरे हाथ पांव कांपने लगे क्योंकि यही नंबर तो मेरी लॉटरी पर था. मैंने आंखे मलकर नंबर दोबारा चेक किया, बिल्कुल वही नंबर था - सुनिए कहानी 'लॉटरी का टिकट' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
रात के ख़ामोश पहर में उस घर में जहां मैं अकेले रहता था, दूसरे कमरे से वो आवाज़ दरअसल कई दिनों से आ रही थी. रात की खामोशी को चीरती हुई वो आवाज़ हर रात मुझे परेशान करने लगी थी. किसकी थी वो आवाज़? और क्या थी उस आवाज़ की दर्दनाक कहानी - सुनिए स्टोरीबॉक्स विद जमशेद में कहानी 'आधी रात की ख़ामोशी'.
सुबह की अज़ान हुई ही थी कि पता चला मुहल्ले के चचा मियां गुज़र गए. वैसे उम्र काफ़ी थी उनकी और लंबे समय से बीमार थे लेकिन उनके जाने के बाद उनकी कब्र को लेकर एक ऐसा मसला खड़ा हो गया कि वो दिन भुलाए नहीं भूलता. सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'चचा मियां की कब्र' स्टोरीबॉक्स में.
पांच साल के बाद वो अचानक दिखी एक अस्पताल में. ये वही लड़की थी जो हमेशा ब्रैंडेड कपड़े पहनती थी. महंगे शौक रखती थी लेकिन आज उसकी हालत ख़राब थी. कपड़े औसत, बाल बिखरे, चप्पलें घिसी हुई, चेहरे का रंग उड़ा और हाथ में मेडिकल रिपोर्ट्स. ये वही लड़की थी जिसने कभी मेरा इश्क़ ठुकराया था. सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'एक कागज़ का फूल' स्टोरीबॉक्स में.
बंदूक मेरी कनपटी पर थी और उंगली ट्रिगर पर. मेरी ज़िंदगी और मौत के बीच बस चंद लम्हों का फ़ासला था, लेकिन तभी मन किया कि ज़िंदगी की एक आख़िरी सिगरेट पी लूं - सुनिए जमशेद क़मर सिद्दीक़ी की लिखी कहानी 'स्टोरीबॉक्स' में.
सैलून पर मैंने अभी शेव बनवाना शुरु ही किया था कि मेरे हाउस ब्रोकर का फोन आया और उसने कहा कि कोई मेरा घर किराए पर लेना चाहता है. मैंने हां बोल दिया लेकिन तभी उसने किरायेदार का नाम बताया और वो नाम सुनकर मैं चौंक गया - सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ.
आतिश साहब को एक रोज़ सड़क पर एक औरत पर्चा पकड़ा गई जिसमें लिखा था कि ये पर्चा आगे एक हज़ार लोगों को छपवाकर बढ़ाइए, अब क्या करेंगे आतिश साहब... क्या वाकई पर्चा नहीं छपवाने पर कुछ बुरा होगा? सुनिए स्टोरीबॉक्स में नई कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ
एक ट्रेन में मिले दो जादूगर और एक-दूसरे को दिया चैंलेज. कौन है बड़ा जादूगर? उस्ताद और शागिर्द के बीच हुए जादू के मुकाबले में कौन जीता और किसकी हुई हार? सुनिए सत्यजीत रे की लिखी कहानी का ऑडियो वर्जन स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
आजकल जो नहारी दिल्ली में मिलती है वो कोई नहारी है साहब? नहारी तो बंटवारे से पहले मिलती थी दिल्ली में. दुकान का नाम था गंजे भाई की नहारी. ऐसी नहारी कि अलीगढ़ से लेकर लाहौर तक से खाने वाले आते थे. सुनिए कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
पारितोष साहब के घर के पास उस शाम मैंने जिस आदमी को देखा वो कौन था और क्या ये सिर्फ़ इत्तिफ़ाक था कि जिस दिन शैंकी गायब हुआ और पारितोष साहब की मौत हुई, वो उस दिन भी दिखाई दिया था - सुनिए नई थ्रिलर कहानी 'वो कौन था' स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
चचा छक्कन वो आदमी थी कि जैसे ही वो पेंचकस लेकर ख़राब रेडियो खोलने बैठते थे घर वाले नया रेडियो खरीदने का मन बना लेते थे. जानते थे कि जिस चीज़ पर हाथ रख दिया वो खराब होकर रहेगी. एक दिन चचा के ज़िम्मे एक काम आ गया. काम बस इतना था कि एक तस्वीर दीवार पर टांगनी थी. क्या क्या हुआ तस्वीर टांगने में... सुनिए स्टोरीबॉक्स विद जमशेद में इम्तियाज़ अली ताज की लिखी कहानी 'चचा छक्कन'
अगर आप एक पुरानी कार ख़रीदना चाहते हैं तो ध्यान दें। कार वैसे बढ़िया है लेकिन कभी कभी स्पीड ब्रेकर आने पर बोनट खुल कर खड़ा हो जाता है, और गियर वाला लीवर थोड़ा ढीला है तो अपने आप रिवर्स में गिर जाता है जिसकी वजह से गाड़ी सड़क पर आगे जाते-जाते अचानक पीछे चलने लगती है। हॉर्न थोड़ा प्लैनिंग के साथ बजाना पड़ता है यानि अगर आप अभी दबाएंगे तो तीन गली बाद जाकर बजेगा - सुनिए पूरी कहानी स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से.
आधी रात को गांव में शोर मचा "चोर.. चोर" लोग अपने घरों से निकलकर आवाज़ की तरफ भागे. किसी ने बताया कि चोर उस खेत में घुस गया है... सब लोग उसी तरफ भागे...एक ने कहा, "खेत को आग लगा देते हैं, खुद बाहर आएगा" जिसका खेत था वो लोगों के पैरों में गिर गया कि ऐसा मत करो, बहुत नुकसान हो जाएगा लेकिन लोग सुनने को तैयार नहीं थे, वो बस चोर को खत्म कर देना चाहते थे.. तभी एक शख्स ने माचिस निकाली - सुनिये श्रीलाल शुक्ल की लिखी कहानी जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से स्टोरीबॉक्स में.
आग़ा शिराज़ी साहब वैसे तो नेक आदमी थे लेकिन उनको एक बीमारी थी कि हर बात के लिए उनके पास चार शेर होते थे. अगर आप कभी कहें कि मुझे दिल का दौरा पड़ रहा है और मैं मरने वाला हूं एंबुलेंस बुला दीजिए तो कहेंगे "बुलाता हूं लेकिन पहले मौत पर चार शेर सुन लीजिए" - सुनिये एक सनकी शायर की मज़ेदार कहानी स्टोरीबॉक्स में
ये जो सुबह सुबह बड़े शहरों में आप टिफिन कंधे पर लटकाए मल्टी नैशनल कंपनियों की शीशे की ऊंची-ऊंची इमारतों में दाखिल होते हुए देखते हैं, ये लोग ऑफ़िसों में पूरे दिन क्या करते हैं - जमशेद क़मर सिद्दीक़ी के साथ सुनिये 'दफ्तर का एक दिन' में
सिगरेट पीने वाले दो लोगों की दोस्ती तब होती है जब वो साथ में सिगरेट पीते हैं, वो दोस्ती पक्की तब होती है जब वो एक-दूसरे की सिगरेट पीने लगते हैं और पक्की दोस्ती जिगरी दोस्ती में तब बदलती है जब वो सिगरेट के चक्कर में आपस में झगड़ा करने लगते हैं - सुनिये "सिगरेट पीने वाले लोग" स्टोरीबॉक्स में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
लंदन में रहने वाले मुखर्जी साहब के पास एक डायरी थी जिसमें उन तमाम ख़ूबसूरत औरतों के नाम थे जो उनसे पिछले 15 सालों में मिली थीं. जब भी उनके पास कुछ फ़ुर्सत होती तो डायरी खोलते और लाइन से लिखे नामों पर फोन करने लगते. उन्होंने नामों के आगे ये भी लिख रखा था कि आखिरी बार बात हुई थी तो क्या बात हुई थी. फोन करते ही उसी बात से बात शुरु करते ताकि लगे कि पुरानी जान पहचान है. उस रोज़ भी वो कोई खास मसरूफ़ नहीं थे - सुनिये कहानी 'मुखर्जी साहब की डायरी' STORYBOX में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
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